केन्द्र सरकार राम सेतु नहीं तोड़ेगी। केन्द्रीय भूतल परिवहन एवं जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी अपनी इस घोषणा के प्रति कटिबद्ध हैं। नितिन गडकरी की यह घोषणा अमेरिका के भूगर्भ वैज्ञानिकों द्वारा राम सेतु का अस्तित्व स्वीकारने के बाद आई है। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने अपनी रिपोर्ट में राम सेतु के दावे को सच बताया है। कानून और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी कहा कि वैज्ञानिकों ने इसके अस्तित्व की पुष्टि कर दी है। इसके अस्तित्व को चुनौती देने वाले गलत साबित हुए हैं। इसके बाद इस मुद्दे को लेकर राजनीति में घमासान तेज हो गया।
गृहराज्य मंत्री किरण रिजजू ने भी रामसेतु के अस्तित्व पर सवाल उठाने वालों को आईना दिखाया। अमेरिका के आर्कियोलॉजिस्टों ने अपनी रिपोर्ट में रामसेतु को सुपर ह्यूमन क्रियेशन माना है। वह इसकी आयु को करीब सात हजार साल के करीब मान रहे हैं। उनका कहना है कि रामसेतु के नीचे प्राकृतिक चट्टाने हैं और इसके ऊपर पत्थर लाकर रखे गए हैं।
यही नही अब अमेरिकी अन्तरिक्ष एजेंसी नासा ने भी मान लिया है की राम सेतु कोई प्राकृतिक संरचना नही बल्कि पूरी तरह से मानव निर्मित एक अतुलनीय और अद्वितीय उदाहरण है निर्माण का |
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