Saturday, 16 December 2017

Untold story Of 1971 India- Pakistan War |Entrance of Russia IN War to support India

दोस्तों भारत का इतिहास अनगिनत गौरवमयी घटनाओं से भरा पड़ा है और उन्ही सभी से एक है भारत पाकिस्तान के बीच हुई सन 1971 की लड़ाई जिसके परिणाम स्वरुप एक नये स्वतंत्र राष्ट्र का जन्म हुआ जिसका नाम है बांग्लादेश |
आइये जानते हैं इस युद्ध से जुड़े हुए कुछ अत्यंत महत्वपूर्ण तथ्य जो शायद बहुत से लोगों को नही पता है ये घटनाएं इतिहास के पन्नो में सदा के लिए अमर हो गयी |
तो चलिए जानते है इनके बारे में अब बिना समय को बर्बाद किये -
दोस्तों सन 1971 की भारत पाकिस्तान की लडाई एक ऐसी लड़ाई थी जिसमे लगभग 1,00,000 पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था |
लेकिन उस युद्ध में एक ऐसी भी कहानी थी जो आजतक अनसुनी रह गयी और वो थी Russia का भारत के समर्थन में आना आइये विष्तार से जानते हैं इस घटना के बारे में की वहां हुआ क्या था -
दोस्तों जब युद्ध सुरु हुआ तो सुरु के दो तीन दिन पकिस्तान ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी अपनी Air Force का इश्तेमाल करके उसने भारतीय हवाई अड्डों पे भयंकर बमबारी सुरु कर दी पर भारत भी इस युद्ध के लिए अपनी कमर कस ली थी फिर क्या था ,

अब बारी थी INDIAN AIR FORCE की जो भूखे शेरो की तरह मौके की ताक में थे और जैसे ही आदेश मिला फिर क्या था बिना समय बर्बाद किये भारतीय fighter Aircraft cnat Hunter और MIG 21 ने पाकिस्तानी खेमे में कहर बरपाना सुरु कर दिया और जल्द ही पाकिस्तान को भारी नुकशान उठाना पड़ रहा था ,

जब युद्ध सुरु हुआ तो दो से तीन दिन तो पाकिस्तान भरी पड़ा भारत पर लेकिन भारतीय वायुसेना के हमलों के बाद से ही पाकिस्तान की कमर टूटना सुरु हो गयी थी |
लेकिन इन सब के बीच पाकिस्तान के समर्थन में आया अमेरिका उस समय America के तत्कालीन राष्ट्रपति NIKSON ने पाकिस्तान के समर्थन में भारत को धमकी देना सुरु कर दिया और भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमति इंद्रा गाँधी को अप्सब्द भी कहे और भारत के खिलाफ अपना सबसे बड़ा नौसैनिक जहाज भेज दिया ,
यही नही उसने अपने सभी मित्र देशों से निवेदन किआ की वो भी पाकिस्तान को अपना समर्थन दे फिर क्या था jordan ने अपने जहाज पाकिस्तान के समर्थन में भेज दिया सऊदी अरब ने भी अपने जहाज भेजना सुरु कर दिया और france भी पाकिस्तान के समर्थन में आ गया  और UK ने भी अपना AIRCRAFT CARRIER पाकिस्तान के समर्थन में लगा दिया और चाइना भी पाकिस्तान के समर्थन में आ गया |

भारत को ये सारी बात थोडा देर से पता चली वो भी तब जब भारतीय खुफिया एजेंसी ने ये खबर पता लगायी फिर क्या था |
भारत की प्रधानमंत्री श्रीमती इंद्रा गांधी जी ने बिना समय गवाए रूस को पत्र लिखकर उनसे सहायता मांगी और भारतीय सेना को भी आगाह किआ की परिणाम चाहे जो भी हो पर भारत किसी के आगे घुटने नही टेकेगा |

और भारत ने अपना इकलौता एयरक्राफ्ट कैरिअर INS VIKRANT को मोर्चे पर लगा दिया|
लेकिन इन सब के बीच कुछ ऐसा हुआ जिसने युद्ध का सारा नक्सा ही बदल के रख दिया और वो था भारत के समर्थन में RUSSIA का कूदना ,
क्यूंकि जैसे ही इंद्रा गाँधी का पत्र रूस को मिला उसने बिना समय गवाए अपनी खुफिया एजेंसी को काम पे लगा दिया और उसकी खुफिया एजेंसी ने उसको बताया की अमेरिकी जहाज भारत के काफी नजदीक पहुच रहे हैं |
फिर क्या था रूस ने   बिना समय बर्बाद किये अपना aircraft carrier भारी परमाणु हथियारों से लैस करके भेज दिया और america को भारत आने से पहले ही घेर लिया और चाइना ,jordan सऊदी , बाकि सब को सीधे सीधे युद्ध की चेतावनी दे दी जिससे डर कर के सारे देशो को अपने हाथ पीछे खीचने पड़े और अमेरिका को भी वापस जाना पड़ा और UK को भी रूशी 

पनडुब्बियों ने maidagesta के पास घेर लिया और उसको भी वापस जाना पड़ा और इस तरह रूस ने 1971 की लडाई में अपना अहम् योगदान दिया ........
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